The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

शिव पूजा में सफेद चंदन, shiv chalisa lyricsl चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

लै त्रिशूल Shiv chaisa शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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